भाऊ साहब भुस्कुटे जी की पुण्य स्मृति को अक्षुण बनाने की दृष्टि से माह अगस्त 1991 में लोक न्यास की स्थापना की गई। न्यास को सामाजिक क्षेत्र में कार्य करते हुये 20 वर्ष हो चुके है। न्यास इस कार्यवधि कई उतार चढाव का समाना करते हुये प्रभु इच्छा से निरंतर प्रगति पथ पर आगे बढ रहा है। न्यास द्धारा 1995 के संघर्ष को सहकर आगे बढा अल्पावधि में ही न्यास में ही शिक्षा स्वास्थ्य तथा ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की गयी है।
उद्देश्य
सामाज के सभी वर्गो के सर्वागीण विकास हेतु शिक्षा स्वास्थ्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करता है। इस हेतु शैक्षिणक गतिविधियो का संचालन ग्रन्थालय एवं वाचनालय चिकित्सकीय क्षेत्र में शिविर लगाना शाध करना कार्य करना चिकित्सालय चलाना आदि। समाज में सामाजिक समरस्ता चरित्र निर्माण एवं शील के विकास हेतु ग्राम जागरण करना। अपने उददेश्यों की पूर्ति हेतु न्यास द्धारा अब तक विभिन्न प्रकार के आयामों का संचालन कर रहा है |
विविध कार्य
किसान सम्मेलन सम्पन्न किया गया किया गया जिसमें 200 किसानों को जैविक कृषि का प्रशिक्षण दिया गया ।
विज्ञान शिक्षक संगोष्टी ब्लाक के शासकीय एवं अशासकीय शालों के शिक्षकों की संगोष्टी पिपरिया एवं गोविंद नगर में कि गई। जिसमें मान. प्रवीण रामदास संगठन मंत्री विज्ञान भारती म.प्र. भोपाल का मार्ग दर्शन मिला।
विद्यावर्ग निःशुल्क कोचिगं क्लासिस कक्षा 10वी के ग्रामीण छात्रों के लिए गणित एवं अंग्रेजी विषयों की विशेष तैयारी कराई गई ।
धार्मिक मुनियों का आगमनः- परिसर के अंदर बर्ष भर में चार बार जैन मुनियों का आगमन होता है साथ ही विभिन्न प्र्रकार के भ्रमण करने वाले संतों को आवास दिया जाता है। नवदुर्गा के समय गाडरवारा की सलकनपूर की यात्रा का आवास किया गया।
- सरस्वती ग्रामोदय विद्यालय
- शरद स्मृति छात्रावास
- ग्राम ज्ञानपीठ
- बांस अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र
- गौ विज्ञान अनुसंधान केंद्र
- कृषि प्रशिक्षण एवं अनुसंधान
- जड़ी बूटी प्रकल्प
- अनार कृषि
- जैविक कृषि
- स्वास्थ्य शिविर
- जयंतियां एवं उत्सव
- व्यक्तित्व एवं बाल प्रतिभा विकास
- ग्राम शिक्षा एवं स्वालम्वन
- संस्कार केंद्र
- एकल विद्यालय
- लाख परियोजना
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